3 day Survival in Delhi/ दिल्ली में अकेला, 3 दिन बगैर पैसे, मोबाईल। सिर्फ 2 जोड़ी कपड़ो के साथ। page-3
Your
Survival Instincts./ दिल्ली
में घूमना, बगैर पैसों के तीन दिन।/जिंदगी
की सबसे बड़ी सीख, जो आपको कभी भी हारने नहीं देगी।
तो एक लड़का जा रहा था। मैनें उससे पूछा- Brother, Time क्या हुआ है। फिर पूछा ट्रेन कितने बजे आएगी। बातो-बातों में मैंने उसे बताया कि मैंने Challenge लिया है कि दिल्ली में बगैर पैसों के 3-4 दिन रहना है, Survive करना है और घूमना भी है। फिर उसने पूछा, भाई क्या help कर सकता हूँ, मैनें बोला मेरे को पैसे नहीं चाहिए, कोई पूरानी चादर दे दो, जिसको आराम से आढ़कर सो जाउ, जिससे मच्छर ना काटे, उस लड़के ने ये भी कहा था- भाई, घर वापिस चले जाओ ना। क्यों आए हो यहाँ पर। फिर 4 बजे से पहले तो कोई ट्रेन नहीं आनी थी।
मैंने साइकिल भी लेने की कौशिश की, ताकि 3-4 दिन घूमकर वापिस बेच दूगा। मेरा टाईम भी बच जाएगा और सारी दिल्ली भी घूम लूगा साइकिल के द्वारा। फिर लिफ्ट मांगकर आगे की और पूरानी दिल्ली की ओर बढ़ा । रास्ते में मेरे को ब्रहम्कुमारीज गली का एक बोर्ड दिखा मैं वहीं पर उतर गया। और आश्रम के अंदर गया। उनको मैनें बताया की मेरे पास कुछ भी नहीं है। फिर भी उन्होनें मेरी कोई Help नहीं की, मेरे को बहुत बुरा लगा। बस उन्होनें ये जरुर पूछा कि कोर्स कहाँ से किया- मैंने बोला Online किया है, फिर पूछा कंहा से, मैनें बताया- ईश्वरीय खजाना टीम मधुबन द्वारा। फिर मैं वहाँ से आगे चल दिया पूरानी दिल्ली की और।
एक Swiggy वाले सरदार जी ने मुझे Lift दी थोड़ी दूर तक। उससे
बात हुई तो मैंने बता दिया कि मैंने 4 दिन का Challenge ले
रखा है कि बिना पैसे के Survive करना है। उसने मेरे को
गुरुद्वारे के सामने उतार दिया साथ की शीश गंज गुरद्वारे के बारे में भी बताया।
फिर मैं गुरद्वारे प्याऊ में चला गया। दर्शन किए फिर सेवा लगाई, लंगर किया, थोड़ी
देर सोया भी। सेवा को दौरान मेरी 2 लड़को से बात हुई, उनको मैनें बताया कि मैनें
3-4 दिन दिल्ली में बिन पैसों कि Survive करना है और घूमना
भी है, उनमें से एक बंदा हैरानगी मैं कहता-“भाई , तू सोच भी
कैसे सकता है कि तू दिल्ली में बगैर पैसों के घूम लेगा(वह बहुत ही Surprised
था)” फिर मैं पूरानी दिल्ली की ओर चल दिया।
फिर मैं लिफ्ट मांगते मांगते पूरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास पहूँचा। मैंने
लोगों से पूछा कि शीश गंज गुरद्वारा कितनी दूर है, पास में ही था। तो मैं
गुरद्वारे में रुक गया । वहाँ जाकर पहले तो नहाया, फिर दर्शन किए, फिर लंगर किया।
3rd
ReplyDeleteKya esa bhi koi krta h.
ReplyDeleteIn real world
Right
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